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विज्ञापन एवं जनसम्पर्क

अवधिः एक वर्ष

पाठ्यक्रम निदेशकः डॉ अनुभूति यादव

विज्ञापन एवं जनसंपर्क उद्योग के लिए पेशेवरों की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए वर्ष 1981 में विज्ञापन एवं जनसंपर्क स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया गया। इस पाठ्यक्रम की पाठ्यचर्या डायनेमिक है और उद्योग की बढ़ती हुई आवश्यकताओं के अनुरूप इसमें समय-समय पर परिवर्तन किये जाते हैं। पाठयक्रम का मुख्य उद्देश्य विज्ञापन एवं जनसंपर्क के क्षेत्रों में बेहतर निर्णय लेने के लिए मूलभूत एवं उभरती हुई अवधारणाएं और सिद्धान्त प्रस्तुत करना है। विभाग को उद्योग का बहुत बड़ा संरक्षण प्राप्त है; आज विज्ञापन/जनसंपर्क विभाग के कई पूर्व छात्रों को विज्ञापन की दुनिया; कॉरपोरेट क्षेत्र और जनसंपर्क उद्योग में नेतृत्व के पद हासिल हैं।

पाठ्यक्रम के उद्देश्य

  • विज्ञापन एवं उससे संबंधित क्षेत्रों, जनसंपर्क एवं कॉरपोरेट संचार के क्षेत्रों में बेहतर निर्णय लेने के लिए मूलभूत एवं उभरती हुई अवधारणाओं तथा सिद्धान्तों की जानकारी देना।
  • विद्यार्थियों में सांगठनिक नीतियों और लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु विभिन्न कार्यों को समन्वित करने की योग्यता प्रदान करना।
  • अवधारणा की रोशनी में विविध लिंग संबंधी/सामाजिक संचार संबंधी मुद्दों पर विद्यार्थियों को सुग्राही बनाना।
  • ब्रांड एवं सामाजिक मुद्दों के कैम्पेन की योजना और प्रोडक्शन के संबंध में व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना।
  • विभिन्न संबद्ध साफ्टवेअरों, विशेषतया मीडिया योजना और प्रचार अभियानों के प्रोडक्शन के लिए, कौशल प्रदान करना।

पाठ्यचर्या

  • संचार सिद्धान्त एवं शोध
  • विपणन
  • विज्ञापनः सिद्धान्त, अवधारणा एवं प्रबन्धन
  • मीडिया योजना
  • रचनात्मकता एवं प्रचार योजना
  • जनसंपर्क एवं कॉरपोरेट संचार
  • सिद्धान्त, उपकरण एवं तकनीक
  • डिजीटल जनसंपर्क/कॉरपोरेट संचार
  • मौखिक एवं दृश्य संचार
  • प्रोडक्शन तकनीक एवं पद्धतियां
  • विज्ञापन, विपणन एवं जनसंपर्क शोध

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